नारी तेरी यही कहानी क्यो
यह उस समय की बात है जब जब हम हुडडा सैक्टर 12 86 मकान नंबर मे रहते थे तब जब भी एकादशी , द्वादशी मकर संक्रांति होती थी तब एक पण्डिताइन आती थी उनके दो बच्चे थे उनका पति शराब पीता था पर लोगों के सामने अच्छा होने का दिखावा करता था एक समय की बात है उसके पाखंड का भेद खुल गया और वो अपनी पत्नी को छोड़कर किसी और महिला के साथ भाग गया शास्त्रों मे सही कहा है जन्म से कोई महान् नहीं होता आचरण से होता है
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