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Showing posts from May, 2021

आंदोलनकारी / आदोलनपरजीवी

अपने  हक की लड़ाई  के लिए  आंदोलन होना कोई  नई  बात  नहीं है    19 अप्रैल  1917  मे बिहार के  चंपारण  जिले में   गांधी  जी  के  नेतृत्व   मे हुआ  उस  समय भारत  पर अंग्रेजी  हुकूमत  का राज था   अंग्रेज नील  की खेती  करने  के  लिए  किसानों  पर  बाध्य  करते थे  नील  एक रंजक पदार्थ  है  जिसका प्रयोग  वस्त्र  उद्योग   मे डाई  के लिये  किया  जाता  है इसकी बढी मांग  के कारण  इसकी खेती  अंग्रेजों  द्वारा  दक्षिण  अफ्रीका  के साथ - साथ  भारत में  भी  शुरू  करा दी  गयी  भारतीय  किसान  अनाज और नगदी   फसले उगाने  की  इच्छा  रखता था , उसको नील  की खेती के लिए  अंग्रेजों  ने  बाध्य किया   नील  की  खेती  को उपजाऊ  भूमि  में...

नारी तेरी यही कहानी क्यो

 यह उस समय की बात है जब  जब  हम  हुडडा  सैक्टर 12 86 मकान नंबर  मे रहते थे  तब जब भी  एकादशी ,   द्वादशी   मकर संक्रांति  होती थी  तब एक पण्डिताइन आती थी  उनके  दो बच्चे  थे  उनका पति  शराब  पीता  था  पर लोगों  के  सामने  अच्छा  होने  का  दिखावा  करता था   एक  समय  की  बात  है  उसके पाखंड  का  भेद  खुल  गया  और वो  अपनी  पत्नी  को  छोड़कर  किसी  और   महिला  के साथ  भाग गया  शास्त्रों  मे सही कहा है  जन्म  से  कोई  महान्  नहीं  होता  आचरण  से  होता  है 

समझदार पति और पत्नी ( बाई)

यह उस समय  की  बात  है  जब जब मै  चण्डीगढ  से  सनातकोतर  की  डिग्री  प्राप्त की  ही थी      हमारे  पिता  जी    ईमानदार बैंक  मैनेजर थे अतः  उनकी इसी बात  पर कामचोर  स्टाफ के कुछ  कर्मचारियो से नहीं  बनती थी  इसलिए  हस्तांतरण  होता  रहता  था  कभी-कही कभी-कही जब  पिता  जी  रिटायर  हुए  तो  सिक्कम  कोआपरेटिव  बैंक  मे जाबॅ  लगी  उसके बाद  पानीपत  आने का तो  कोई  विचार  ही नहीं था  पर कहते  हैं  न कि दाना पानी  जहाँ  का हो वहा जाना ही होता  है  फिर  हम  फिर से  पानीपत आ गए फिर जहाँ  गए वहां  सारी वयवस्था  की    धीरे धीरे  फिर  अपना नया  घर बनाया   फिर  वहां  सब वयवस्था  करने  के बाद   काम  वाली बाई  लगायी   वो  प...